बेचैनियां
अजब बेचैनियां हैं, इब्तिला है, यही दरअस्ल उल्फ़त का सिला है। सफ़र में मैं अकेला तो नहीं हूं, मेरे हमराह अब इक क़ाफ़िला है। ख़ुदा की ख़ूबसूरत नेअमतों में, ये सांसों धड़कनों का सिलसिला है। हमारी रूह ज़िंदा है अज़ल से, बदन तो अस्ल में फ़ानी मिला है। उदासी ने बुझा कर रख दिया था, […]
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