बेचैनियां

अजब बेचैनियां हैं, इब्तिला है, यही दरअस्ल उल्फ़त का सिला है। सफ़र में मैं अकेला तो नहीं हूं, मेरे हमराह अब इक क़ाफ़िला है। ख़ुदा की ख़ूबसूरत नेअमतों में, ये सांसों धड़कनों का सिलसिला है। हमारी रूह ज़िंदा है अज़ल से, बदन तो अस्ल में फ़ानी मिला है। उदासी ने बुझा कर रख दिया था, […]

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विरला हैं वो जो सादगी में जिया हैं- सुषमा पारख

ढूँढने गये जो सादगी को हम अभी   मिलती हैं कहीं कहीं और कभी कभी ,  मेंटन दिखावें को सबने खूब किया हैं   विरला हैं वो जो सादगी में जिया हैं   अनमोल सादगी का कहीं मोल ही नहीं   वो पाक सादगी कहीं मिलती नहीं   जो हैं ही नहीं वो ,ऐसा बन के जिया हैं   सजावट ने […]

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“योग”

  *”योग”* जाति न कोई धर्म से,योग है तन-मन से, आज योग का संबंध,जीवन – संचार है। आत्मा-परमात्मा-योग,संबंध योग मन से, अष्टांग – योग साधना,जीवन – आधार है। आसन प्राणायाम से,तन सोना बन जाय, लगाम श्वास प्रश्वास, योग की पुकार है। पूरक – रेचक कर, योग से निरोग अब , आज चहुँ ओर भरे, योग […]

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