शिवाचार्य वचनामृतम्

कहानी
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    02-03-2021 मंगलवार
    सत्य साधक आत्मजन।
    सत्य साधना आत्मोद्धार का अभ्यास है।
    सत्य साधना अध्यात्म पथ का राही
    बहुत ही सफलता पूर्वक कर सकता है।
    अध्यात्म मन बुद्धि चित्त को एकाग्र करता है जिससे आत्म साक्षात्कार की दृढ़ भावना का विकास होता है और निकट भवों में सत्य को उपलब्ध हो सकता है।
    धार्मिक होना और आध्यात्मिक होना दोनों में आत्म ज्ञान प्राप्ति में अंतर है।
    जो धार्मिक हो आवश्यक नहीं है कि वह परम सत्य को उपलब्ध हो जाए लेकिन आध्यात्मिक होना आत्मिक आनंद की अनुभूति की निश्चयतता का पूर्ण आश्वाशन देता है।
    अतःपुरुषार्थ करें कि धर्म निष्ठा रखते हुए आध्यात्मिक जीवन शैली अपनाएं।
    तब ही कल्याण है।
    स्वामी देव अतिथि