लघुकथा _हरी सब्जी ( पर्यूषण पर्व पर)

“यह क्या है ?रोज रोज यह बड़िया ,गट्टे ,सुखी फलियां, पापड़ की सब्जी …,”“क्यूं नही ,आलू प्याज खा सकते ? क्यूं नही ? फ्रूट्स ,हरी सब्जियां ला सकते ? मुझसे नही खाई जाती यह सुखी सब्जियाँ ,..”गुस्से में टेबल पर प्लेट सरका रोहित भुनभुनाता अपने कमरे में चल गया। “पर्युषण पर्व में आठ दिन हरियाली […]

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केरल से अनामिका अनु की कविताएँ

पापा के बाद कुछ बेहद जरूरी काम पापा निपटाते थे जब थककर आते थे माँ पानी का गिलास पकड़ाती थी पाप की सारी थकान दूर हो जाती थी पापा नहीं रहे वे जरूरी काम अब माँ निपटाती है थककर आती है कोई पानी का गिलास नहीं थमाता माँ की थकान जमा हो रही है पहले […]

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अयोध्या विशेश संस्मरण :Jagad Guru Shankaracharya Swami Shree Nishchalanand Saraswati ji ..संदेश श्रीहरिःश्रीगणेशाय नमःमानवाधिकार की सीमा में श्रीरामजन्मभूमि को पुन: प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार lध्यान रहे कि कोई भी देश कितने ही वर्षोंतक परतंत्र क्यों न रहा हो, उसे मानवाधिकार की सीमामें स्वतंत्रता का पूर्ण अधिकार प्राप्त रहता है । साथ ही परतंत्रताकी अवधिमें […]

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महान संगीतज्ञ पंडित जसराज के अनकहे पन्नें….धर्मेंद्र कंवारी रोहतक

पंडित जसराज पाकिस्तान की अमानत हो जाते अगर बहन रामप्यारी विश्नोई उन्हें भारत में नहीं रोकती? बंटवारे के समय जसराज (Pandit Jasraj) अपने परिवार के साथ पाकिस्तान जाने के लिए निकले थे लेकिन रास्ते में उन्हें अपने मामा के गांव की एक बहन मिली और इस तरह उनका पूरा जीवन ही बदल गया। यहीं ये […]

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एयरकंडीशन से फैलता पर्यावरण का खतरा-जगदीश शर्मा ‘सहज’

AC का बहुतायत में प्रयोग वातावरण मे बदलाव ला रहा है, एसी से रिलीज हुई गरमी से वातावरण में ग्‍लोबल वार्मिंग बढ़ रही है जो जलवायु परिवर्तन का मुख्‍य कारण है। एसी चलाने से उसकी एग्‍जास्‍ट एअर जो कि कंप्रेशर को ठण्‍डा रखने के लिये गर्म हो जाती है वो आसपास के स्‍थान को और […]

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एयरकन्डीशन से फैलता पर्यावरण खतरा-जगदीश शर्मा

AC का बहुतायत में प्रयोग वातावरण मे बदलाव ला रहा है, एसी से रिलीज हुई गरमी से वातावरण में ग्‍लोबल वार्मिंग बढ़ रही है जो जलवायु परिवर्तन का मुख्‍य कारण है। एसी चलाने से उसकी एग्‍जास्‍ट एअर जो कि कंप्रेशर को ठण्‍डा रखने के लिये गर्म हो जाती है वो आसपास के स्‍थान को और […]

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भारतीय सांस्कृतिक परम्परा में शाश्वत जीवन मूल्य : डॉ० बजरंग लाल गुप्ता

जीवन मूल्य का आधार होती है जीवन दृष्टि और फिर जीवन मूल्यों से बनते हैं जीवनादर्श । इस प्रकार जीवन दृष्टि, जीवन मूल्य और जीवनादर्श अन्योन्याश्रित हैं और एक अर्थ में परस्पर अंतर्भूत भी हैं । इस प्रकार कई बार इनके बीच कोई कठोर स्पष्ट विभाजक रेखा खींचना भी कठिन हो जाता है । अथवा […]

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चीनी वायरस भारत के लिए संकट व चुनौती कम और अवसर ज्यादा(25 अप्रैल – स्वदेशी संकल्प दिवस पर विशेष) डॉ अश्वनी महाजन

हाल ही में चीन के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में 2020 वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 8।1 प्रतिशत सिकुड़ गई है। पिछले तीन दशकों में यह गिरावट पहली बार देखी गई है। एक तरफ चीन के कोरोना महामारी की मार के कारण उसको अपने […]

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भारत भारतीयों का या घुुसपैठियों का? (वर्तमान सन्दर्भ) डॉ विनोद बब्बर (सम्पादक राष्ट्र किंकर)

भारत भारतीयों का या घुुसपैठियों का? आज अगर यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछे, ‘वर्तमान का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?’ तो युधिष्ठिर का उत्तर होगा, ‘कोई एक आश्चर्य हो तो कहूं। यहां तो एक से बढ़कर एक आश्चर्य हैं। अपने सीमित संसाधनों वाले घर में घुुसे लोगों को निकाल बाहर करने की बजाय कुछ भारतीय […]

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