लघुकथा _हरी सब्जी ( पर्यूषण पर्व पर)
“यह क्या है ?रोज रोज यह बड़िया ,गट्टे ,सुखी फलियां, पापड़ की सब्जी …,”“क्यूं नही ,आलू प्याज खा सकते ? क्यूं नही ? फ्रूट्स ,हरी सब्जियां ला सकते ? मुझसे नही खाई जाती यह सुखी सब्जियाँ ,..”गुस्से में टेबल पर प्लेट सरका रोहित भुनभुनाता अपने कमरे में चल गया। “पर्युषण पर्व में आठ दिन हरियाली […]
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