मेघों की तुम मेघा रानी-गुरुदीन वर्मा
(शेर)- जैसे जल को तरसे मछली, वैसे मेघ को तरसे धरती। मेघ बिना नहीं मिलता पानी, मेघ बिना यह बंजर धरती।।——————————————————-मेघों की तुम मेघा रानी, मेघ तुम बरसाओ।करके वर्षा मेघों की, धरती की प्यास मिटाओ।। मेघों की तुम मेघा रानी———————–।। किसको जरूरत नहीं जल की, यह जल भी मिलता है तुमसे।तुम ही करती यह हरियाली, […]
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