बाल गीत -प्यारी साइकिल (डॉ शंकर शर्मा ‘अचूक’)

कितनी प्यारी-प्यारी साइकिल, लगती सबसे न्यारी साइकिल। कहते बाइसिकल भी इसको, पड़े जरूरत जब भी जिसको। मिल सब करें सवारी साइकिल, कितनी प्यारी-प्यारी साइकिल। ऊँचा नीचा पग पथरीला, छोटा अथवा बड़ा कबीला। बोझा से नहीं हारी साइकिल, कितनी प्यारी-प्यारी साइकिल। कई तरह के रूप बनाती, गरमी बरसा धूप सुहाती। तेरी और हमारी साइकिल, कितनी प्यारी-प्यारी […]

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