मैं हिन्दी हिंदुस्तान की ———————————————————— मैं हिन्दी हिंदुस्तान की, तुम मेरा भी सम्मान करो। मैं हर दिल की आवाज हूँ , कुछ मेरा भी ख्याल करो।। मैं हिन्दी हिंदुस्तान की—————————–।। मैं भी जन्मी हूँ भारत में, मैं भी तो भारतवासी हूँ। नहीं मुझको पराया तुम बोलो, मैं यहाँ की मूलनिवासी हूँ।। इस माटी की पहचान […]

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अनुमति ..

स्मिता बहुत देर से कमरे में बैठी दीवार की तरफ़ एकटक देख रही थी! मानो जैसे दीवार मे कोई चल चित्र देख रही होI स्मृतियों के चित्र दीवार पर आते और निकलते जा,,, रहे थेI आठ साल पहले कितने शौक से उसके माता पिता ने उसका विवाह नीरज से किया था Iअपने संयुक्त  परिवार में […]

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पेंशन (लघु कथा) 

पेंशन (लघु कथा) “अम्मा! तुम भी ना… कर दी ना देर। तुम्हें तो समझाना ही बेकार है। एक दिन घंटी नहीं डोलाती तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ता? जानती हो न! बैंक में कितनी लंबी लाइन लगी रहती है। तो भी बैठ गई भोग लगाने..”        माँ तो बस दम साधे निर्विकार भाव […]

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हमारी वेब साइट सुचारु रूप से प्रारम्भ हो गई है

अर्थार्जन -अर्थचिंतन की भारतीय दृष्टि १) अर्थशास्त्र की परिभाषा- कौटिल्य एवं शुक्र. २) धर्मण धर्माय च धम:धन एवं अर्जन को महत्त्व व ग्राहक ने विघणट में धन के २८ समानार्थक (synomymous)शब्द दिए है। यज्ञ: सर्व प्रयेजन सिद्ध: सोडवर्थ: -नीतिवाक्यामृतं वेदों में धन-धान्य, गाय-घोड़े आदि देने की अनेक प्रार्थनाएं -दरिद्रम पातकं लोके। -महा.शान्ति -धनमूला: क्रिया: सर्वायतनस्तस्थारणे […]

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शिवाचार्य वचनामृतम्

शिवाचार्य वचनामृतम्+02-03-2021 मंगलवारसत्य साधक आत्मजन।सत्य साधना आत्मोद्धार का अभ्यास है।सत्य साधना अध्यात्म पथ का राहीबहुत ही सफलता पूर्वक कर सकता है।अध्यात्म मन बुद्धि चित्त को एकाग्र करता है जिससे आत्म साक्षात्कार की दृढ़ भावना का विकास होता है और निकट भवों में सत्य को उपलब्ध हो सकता है।धार्मिक होना और आध्यात्मिक होना दोनों में आत्म […]

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तुलसी

…….तुलसी …….. घर के आंगन में तुलसी हो, जल धारा देने कलसी हो। घर की बहू रानी तुलसी को, जल देकर दीप जलाती हो। यह दृश्य देख सासू माता, मन ही मन मुस्कुराती हो। तुलसी गंगा और गाय से भारत, संस्कृति की अलख जगजगाता है। तुलसी वाला आंगन अब तो, चित्रों में दिख पाता हैं […]

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रोचक संस्मरण मेरी पहली विदेश यात्रा-डॉ कीर्ति काले बात तब की है जब मैं पाँचवी या छठी कक्षा में रही हूँगी। छुट्टियों में आई (माँ)के साथ हम तीनों बहनें मामाजी के घर कुछ दिन रहने गयी हुईं थीं। मामाजी के घर रहना मुझे बहुत अच्छा लगता था।नानी जी,मौसी, और मामा तीनों ही खूब लाड़ लड़ाते […]

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सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी….

18 वर्ष 7 माह 10 दिन की आयु वाले कैदी से जेलर ने पूंछा कि तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा ?कैदी ने कहा मैं आम खाना चाहता हूं । जेलर ने उसके लिये आम का प्रबन्ध कर दिया। लेकिन अगले दिन जब जेलर उसे फ़ांसी पर चढाने के लिये लेने उसकी कोठरी में पहुंचा तो आम […]

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मेला-रामबाबू शुक्ला

आज मेला था, बच्चे खुश थे,भोर होते ही शुरू हो गई थी आपस में चर्चा,इस बात की, कि हमें ये खिलौना मेले से लाना है।गटकू के बच्चे भी मेले को लेकर उल्लासित थे कि आज मेला है।हम भी बापू के साथ मेला जाएँगे।कुछ देर तक घर से बाहर और बाहर से अंदर,जा जाकर, गटकू के […]

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