“योग”
*”योग”* जाति न कोई धर्म से,योग है तन-मन से, आज योग का संबंध,जीवन – संचार है। आत्मा-परमात्मा-योग,संबंध योग मन से, अष्टांग – योग साधना,जीवन – आधार है। आसन प्राणायाम से,तन सोना बन जाय, लगाम श्वास प्रश्वास, योग की पुकार है। पूरक – रेचक कर, योग से निरोग अब , आज चहुँ ओर भरे, योग […]
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